Best 10 Moral Hindi story for Kids :कहानियाँ बच्चों के लिए

Best 10 Moral Hindi story for Kids : बच्चों के लिए नैतिक मूल्यों को समझाने का सबसे अच्छा तरीका कहानियों के माध्यम से है। यहाँ हमने ‘दस सर्वश्रेष्ठ नैतिक हिंदी कहानियाँ बच्चों के लिए’ का संकलन किया है, जो न केवल मनोरंजन करेंगी, बल्कि बच्चों को जीवन के महत्वपूर्ण पाठ भी सिखाएंगी।

Moral Hindi story for Kids: ये कहानियाँ बच्चों के समझने के लिए सरल भाषा में लिखी गई हैं। हर कहानी में एक नैतिक संदेश होता है, जैसे कि सच्चाई का पालन करना, सहयोग करना, कठिनाईयों का सामना करना, और अन्य ऐसे अनेक जीवन के सबक, जिन्हें बच्चे अपने जीवन में उत्तम ढंग से लागू कर सकते हैं।

Moral Hindi story for Kids: इन कहानियों के माध्यम से, हमारा उद्देश्य है कि बच्चों के अंदर सकारात्मकता, अच्छी आदतें, और उनकी सोच में नैतिकता को बढ़ावा दे। हम आशा करते हैं कि यह कहानियाँ बच्चों को अच्छी संस्कारों की ओर मार्गदर्शन करेंगी और उन्हें जीवन के महत्वपूर्ण पाठ सिखाने में मदद करेंगी।

Best 10 Moral Hindi story for Kids: दस सर्वश्रेष्ठ नैतिक हिंदी कहानियाँ बच्चों के लिए:

1. कचुआ और खरगोश :Moral Hindi story for Kids

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एक बार की बात है, एक जंगल में एक कचुआ और एक खरगोश रहते थे। दोनों हमेशा आपस में जगड़ते रहते थे। एक दिन खरगोश ने कचुए से कहा, “मैं तुझसे बहुत तेज़ दौड़ सकता हूँ।” उसने कचुए से दौड़ की चुनौती दी।

कचुआ खरगोश की चुनौती स्वीकार कर लेता है। दौड़ का दिन और समय तय होता है और सभी जानवर देखने के लिए इकट्ठा होते हैं। खरगोश अपनी तेज़ी के लिए प्रसिद्ध था, जबकि कचुए को सभी धीरे और स्थिरता के लिए जानते थे।

दौड़ शुरू होती है और खरगोश तेजी से आगे निकल जाता है। वह इतना आगे निकल जाता है कि उसे लगता है कि वह अब विश्राम कर सकता है। वह एक पेड़ के नीचे सोने चला जाता है।

वहीं कचुआ, अपनी धीमी गति के साथ ही बिना रुके चलता जा रहा होता है। वह थोड़ी देर में खरगोश को सोते हुए पास से गुजर जाता है, पर वह जागने का प्रयास नहीं करता, क्योंकि उसे पता होता है कि उसकी जीत स्थिरता और निरंतरता में है।

जब खरगोश जागता है, उसे देखने को मिलता है कि कचुआ लक्ष्य रेखा को पार कर चुका होता है। खरगोश शॉक में रह जाता है। उसकी अहंकारी सोच ने उसे हार दिलाई थी।

इस कहानी का सारांश यह है कि “धीरज, सच्ची सफलता की कुंजी है।” खरगोश की तरह अहंकार और अधिक विश्वास हमें ग़लत दिशा में ले जा सकते हैं। जबकि कचुए की तरह, हमें अपनी गति को निरंतर बनाए रखना चाहिए, चाहे हमारी प्रगति धीमी क्यों न हो।

2. सिंह और चूहा:Moral Hindi story for Kids

बहुत समय पहले की बात है, एक जंगल में एक शेर और एक चूहे की अनोखी मित्रता हुई। एक बार शेर ने बड़े ही दयावानता से चूहे की जान बचाई। शेर ने चूहे को उसके मुँह से निकालकर उसे जीवनदान दिया।

इसके पश्चात् चूहा बहुत खुश हुआ और उसने शेर से वादा किया कि वह भी कभी न कभी शेर की मदद करेगा। शेर ने चूहे की इस बात को हँसी में उड़ा दिया, क्योंकि उसे लगा कि छोटा और कमजोर चूहा उसकी कैसे मदद कर सकता है।

फिर कुछ समय बाद एक दिन शेर शिकारी के जाल में फंस गया। वह जितना भी प्रयास करता, उसे जाल से निकलने का कोई रास्ता नहीं मिलता था। उसके दहाड़ने से सारे जंगल में हलचल मच गई। यह सुनकर चूहा उसकी मदद करने के लिए तुरंत पहुँच गया।

चूहा ने तुरंत सोचा कि यही वो अवसर है जब वह शेर की मदद कर सकता है। वह अपने तीक्ष्ण दांतों से जाल को काटना शुरू कर दिया। कुछ ही समय में उसने शेर को जाल से मुक्त कर दिया।

इसके पश्चात्, शेर बहुत खुश हुआ और उसने चूहे का धन्यवाद किया। शेर ने अब समझा कि कितना भी छोटा या कमजोर हो, हर प्राणी की अपनी अहमियत होती है और कभी किसी को कमजोर समझकर उसका अपमान नहीं करना चाहिए।

इस कहानी का मोरल यह है कि कोई भी जीव, चाहे वह कितना ही छोटा हो, अपनी सहायता और महत्व को साबित कर सकता है। हमें किसी को भी उसके आकार या शक्ति के आधार पर नहीं समझना चाहिए, क्योंकि हर किसी में कुछ न कुछ खास होता है।

3. मोर और कौआ :Moral Hindi story for Kids

एक बार की बात है, एक सुंदर बाग में एक मोर अपनी चमकदार पुंछ को फैलाकर नाच रहा था। उसकी खूबसूरती ने सभी को आकर्षित किया। बाग में एक कौआ भी रहता था जो मोर की सुंदरता से प्रभावित हो गया था।

उस कौए ने अपनी सादगी पर गहरा विचार किया और सोचा कि उसकी काली फेदर्स को लोग प्यार नहीं करते हैं। वह अपनी सादगी के कारण दुखी हो गया। एक दिन, वह मोर के पास गया और उससे पूछा, “तुम्हारी पुंछ इतनी सुंदर क्यों है?”

मोर ने खुशी से बताया, “यह प्रकृति का वरदान है।”

कौआ ने सोचा कि अगर वह मोर की तरह अपनी पुंछ फैला सके, तो वह भी उत्तम दिख सकता है। इसलिए उसने बाग के आस-पास गिरी हुई मोर की पुंछ की कलगियां इकट्ठी की और उन्हें अपनी पुंछ में बांध दिया।

कलगियों को बांधकर, कौआ खुशी से उड़ने लगा। लेकिन जब उसने अपनी नई आकृति को दिखाने की कोशिश की, तो सभी पक्षी उस पर हँसने लगे। वे समझ गए थे कि कौआ अपने आप को मोर बनाने का प्रयास कर रहा है। कौआ बहुत शर्मिंदा हुआ।

इस घटना के बाद कौआ ने समझा कि प्रत्येक जीव की अपनी खुद की खूबसूरती होती है। वह समझ गया कि अनुकरण करने से अपनी पहचान नहीं मिलती। उसने अपनी काली परों को फिर से स्वीकार कर लिया और खुद को जैसा है, वैसा ही स्वीकार करने में खुशी पाई।

इस कहानी से हमें यह सिख मिलता है कि हमें हमेशा खुद को जैसा है वैसा ही स्वीकार करना चाहिए, और दूसरों की तुलना में खुद को कम नहीं समझना चाहिए। हर किसी की अपनी खूबसूरती होती है।

4. भालू और दो यात्री :Moral Hindi story for Kids

एक बार की बात है, दो दोस्त घने जंगल की यात्रा पर थे। उनका नाम मनोज और राजू था। ये दोनों दोस्त अपनी साहसिक यात्राओं के लिए बहुत जाने जाते थे।

एक दिन, जब वे जंगल में घूम रहे थे, वहाँ एक बड़ा भालू आ गया। मनोज जल्दी से पेड़ की शाखा पर चढ़ गया और उसने अपने दोस्त की मदद नहीं की। राजू जमीन पर अकेला छूट गया। वह बहुत डर गया, लेकिन उसने तुरंत एक सोचा। वह जमीन पर लेट गया और अपनी साँस रोक ली।

भालू उसके पास आया और उसकी नाक से उसके कान और मुंह को चूमने लगा। राजू चुपचाप पड़ा रहा, और भालू सोचने लगा कि वह मर चुका है। इसलिए भालू वहाँ से चला गया।

मनोज नीचे उतरा और राजू से पूछा, “भालू तुम्हारे कान में क्या कह रहा था?” राजू ने मुस्कराते हुए कहा, “वह कह रहा था कि सच्चे दोस्त आपाति के समय में ही पहचाने जाते हैं।”

इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि सच्चे दोस्त वो होते हैं जो आपाति के समय में भी हमारा साथ देते हैं। मनोज ने अपने दोस्त को जब आपत्ति में छोड़ दिया तो वह असली दोस्त नहीं साबित हुआ। वहीं, राजू ने अपनी बुद्धिमानी से खुद को बचाया और सच्ची दोस्ती की महत्व को समझाया।

5. बाघ और गाय :Moral Hindi story for Kids

एक जंगल में एक शानदार बाघ रहता था। वह बाघ अपनी ताकत और भयावह रूप से प्रसिद्ध था। दूसरी तरफ, एक गाय भी वहीं बसने आई। गाय संतुलित, शान्त, और स्नेही थी। बाघ ने उसे देखा और उसकी मधुरता देखकर वह अचंभित हो गया।

बाघ ने गाय के पास जाकर कहा, “तुम मेरे खाने के लिए आधारित हो।” गाय ने बिना भय के जवाब दिया, “मैं जानती हूँ। लेकिन जीवन में अधिक संतोष और शांति तब मिलती है, जब हम स्नेह और सहयोग की भावना से जीते हैं।”

गाय की बात से बाघ खासा प्रभावित हुआ। उसने सोचा कि वह भी यदि गाय की तरह शांति से जीने का प्रयास करेगा तो उसे भी सुख मिल सकता है। इसलिए, बाघ ने अपनी दुष्टता को छोड़ दिया और वह अपने आप को शांत और सहयोगी बनाने का प्रयास करने लगा।

समय बीतता गया और धीरे-धीरे, बाघ का व्यवहार बदल गया। उसकी हिंसात्मकता और भयानक स्वभाव की जगह शांति और स्नेही व्यवहार ने स्थान ले लिय

6. सोने की मुर्गी :Moral Hindi story for Kids

बहुत समय पहले की बात है, एक गरीब किसान था जिसका नाम हरिदास था। हरिदास के पास कुछ भी नहीं था सिवाय एक मुर्गी के। यह कोई सामान्य मुर्गी नहीं थी। यह रोज़ एक सोने का अंडा देती थी। हरिदास रोज़ उस अंडे को बेचकर अच्छी-खासी आमदनी कर लेता था। इससे वह खुश और संतुष्ट था।

लेकिन एक दिन, हरिदास को लालच ने बहका दिया। उसे लगा कि अगर वह मुर्गी के पेट में से सारे सोने के अंडे एक साथ निकाल देगा, तो वह तुरंत ही अमीर हो जाएगा। उसने मुर्गी का पेट चाक कर दिया, लेकिन वहाँ कुछ भी नहीं था। मुर्गी की मौत हो गई, और हरिदास के पास अब कुछ भी नहीं था।

इस कहानी का शिक्षा यह है कि हमें कभी भी अपनी हवस को अंधा नहीं होना चाहिए। हमें संतोष्ट होना चाहिए उसके साथ, जो हमारे पास है, और हमें सब्र से काम लेना चाहिए। हरिदास ने अपनी लालच के कारण सब कुछ खो दिया। यदि वह धैर्य रखता और संतोष्ट रहता, तो वह हर दिन अमीर होता। इसलिए, हमें लालच से सावधान रहना चाहिए और उसे अपने जीवन से दूर रखना चाहिए। हमें जीवन में संतोष्टि और धैर्य रखने की कोशिश करनी चाहिए।

7. बंदर और गन्ने :Moral Hindi story for Kids

बहुत समय पहले की बात है, एक जंगल में एक चालाक बंदर रहता था। वह हमेशा अन्य जानवरों को चालाकी से उलझा देता था। एक दिन वह एक खेत में गन्ने चुरा रहा था। खेती में मेहनत से उगाए गए उन गन्नों को वह बिना किसी की अनुमति लिए ही चुरा रहा था।

खेत का मालिक एक बूढ़ा व्यक्ति था जिसने अपनी मेहनत से वे गन्ने उगाए थे। जब उसे पता चला कि बंदर उसके खेत के गन्ने चुरा रहा है, तो वह बहुत नाराज हुआ। वह चाहता था कि बंदर को सबक सिखाया जाए।

बूढ़े व्यक्ति ने एक योजना बनाई और बंदर को एक सबक सिखाने का फैसला किया। वह एक बहुत बड़ा गन्ना लेकर उसके दोनों छोरों में रस्सी बांध दी। उसने वह गन्ना बंदर के रास्ते में रख दिया।

बंदर गन्ने को देखकर बहुत खुश हुआ। वह तुरंत ही उस गन्ने को उठाने की कोशिश करने लगा। लेकिन गन्ने में बांधी गई रस्सी ने उसे उलझा दिया। बंदर को बहुत परेशानी हुई, लेकिन वह गन्ने को छोड़ने के बजाय, उसे और अधिक कस के पकड़ लिया।

वह इतना उलझ गया कि वह अगले दिन तक वहां ही फंसा रह गया। बूढ़े व्यक्ति ने बंदर को वहां फंसा हुआ देखकर उसे छुड़ा दिया। बंदर ने अपनी गलती समझी और उसने वादा किया कि वह कभी भी किसी की चीज़ को बिना अनुमति के नहीं लेगा।

8. हाथी और उसके दोस्त :Moral Hindi story for Kids

बहुत समय पहले, एक देन्स जंगल में एक बड़ा हाथी रहता था। वह अपने अन्य जानवर दोस्तों के साथ खुशहाली से जीता था। वह बहुत मददगार और दयालु था। हाथी के पास दो खास दोस्त थे – एक बंदर और एक खरगोश। वे तीनों अक्सर साथ खेलते, बातें करते, और एक दूसरे की मदद करते थे।

एक दिन, हाथी को बुखार हो गया। वह इतना कमजोर हो गया कि वह खड़ा भी नहीं हो सका। उसके दोस्त उसके पास आए और देखा कि वह बहुत बीमार है। वे उसकी देखभाल करने और उसे ठिक करने में सघनिष्ठ थे। बंदर उसे ताजगी के लिए ताजगी देने के लिए पेड़ों से पत्तियां तोड़ता, और खरगोश जंगल में उसके लिए भोजन तलाशता।

दिनों बीतते गए और हाथी की हालत थोड़ी बेहतर होने लगी। उसने देखा कि उसके दोस्त उसकी देखभाल करने के लिए कितनी मेहनत कर रहे थे। उसकी आंखों में उनके प्रति सम्मान और प्यार भर गया। उसने सोचा, “मैं इन दोस्तों के बिना कैसे ठिक होता?”

कुछ ही समय में, हाथी पूरी तरह से स्वस्थ हो गया। वह अपने दोस्तों की मेहनत और प्रेम की वजह से खुश था। वह बंदर और खरगोश का आभारी था और उन्हें धन्यवाद दिया। उनकी मित्रता और उनकी मदद का स्मरण करते हुए, हाथी ने कहा, “तुम दोनों ने मेरे लिए किया है, उसके लिए मैं तुम्हें हमेशा आभारी रहूंगा। मित्रता का यह सच्चा अर्थ है।”

इस कहानी का नैतिक है कि सच्ची दोस्ती समय की कठिनाई में परीक्षित होती है। दोस्त वह होते हैं जो हमें हमारे कठिन समय में सहारा देते हैं, हमारी मदद करते हैं और हमें ठिक करने के लिए हर संभव प्रयास करते हैं। अपने दोस्तों की आवश्यकता और महत्त्व को कभी अनदेखा न करें। ये वो होते हैं जो हमारी जीवन यात्रा को सुंदर और सहज बनाते हैं।

9. सियार और अंगूर :Moral Hindi story for Kids

एक समय की बात है, एक सियार था जो हर समय खाने के पीछे भागता रहता था। एक दिन, वह एक बगीचे में घूम रहा था जहां उसने उच्ची लता पर लटकते हुए मीठे अंगूर देखे। उसके मुंह से पानी टपकने लगा और वह उन्हें खाने के लिए तत्पर हो गया।

सियार ने कई बार कूदकर उन्हें पकड़ने की कोशिश की, लेकिन हर बार वह असफल रहा। उसने हर संभव प्रयास किया, लेकिन हर बार उसे निराशा ही हाथ लगी।

अंततः, सियार ने हार मान ली और वहां से चला गया। लेकिन, जब वह जा रहा था, तब उसने अपने आप को बहलाने के लिए कहा, “वैसे भी, वे अंगूर खट्टे थे।”

इस कहानी का शिक्षा यह है कि हमें अपनी असफलताओं को स्वीकार करना चाहिए और उनसे सीखना चाहिए। अक्सर लोग अपनी विफलताओं को छुपाने के लिए और अपनी आत्मसंतुष्टि को बढ़ाने के लिए बहाने बनाते हैं। हमें स्थितियों को स्वीकार करना चाहिए और उनसे सीखने की कोशिश करनी चाहिए, बजाय उन्हें नकारने ।

10. मेंढ़क और साँप : Moral Hindi story for Kids

एक समय की बात है, एक गाँव में एक मेंढ़क और एक साँप रहते थे। ये दोनों बड़े ही अच्छे दोस्त थे और हमेशा एक दूसरे के साथ समय बिताते थे। लेकिन, मेंढ़क चंचल प्रकृति का था जबकि साँप बड़ा ही गंभीर और चिंताजनक था।

एक दिन मेंढ़क ने खेलने का प्रस्ताव किया और साँप ने मंजूरी दी। वे खेलने लगे। मेंढ़क की चपलता और उछाल को देखकर साँप हर बार हार जाता। इसे देखकर मेंढ़क हर बार हंस देता।

समय बीतता गया और यही सिलसिला चलता रहा। साँप हारता और मेंढ़क हंसता। इसे देखकर साँप ने सोचा की अब वह इसे सहन नहीं कर सकता। एक दिन साँप ने गुस्से में अकर मेंढ़क को दस लिया। मेंढ़क की मृत्यु हो गई।

साँप ने जब अपनी क्रूरता को समझा तो उसे अपने किए पर अफसोस हुआ। उसने सोचा कि अगर वह मेंढ़क की हंसी को सहन करता तो आज उसका दोस्त जिंदा होता।

साँप को अपनी गलती का एहसास होने पर वह बहुत पछताया। उसने सोचा कि अगर वह मेंढ़क की हंसी को सहन करता, तो उसका दोस्त आज भी जीवित होता। उसने खुद को कभी माफ नहीं किया और अपनी बाकी जिंदगी पश्चाताप करते हुए बिताई।

इस कहानी का सार यह है कि हमें किसी की कमजोरी का फ़ायदा उठाना नहीं चाहिए और हमें उन्हें उनकी कमजोरी के बारे में उपहास करना नहीं चाहिए। इसके अलावा, हमें हमेशा अपनी भावनाओं पर काबू रखना चाहिए और गुस्से में कोई भी निर्णय नहीं लेना चाहिए, क्योंकि यह हमें पश्चाताप करने पर मजबूर कर सकता है।

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